'विकास बनाम बुर्के की शरारत', योगी आदित्यनाथ ने राजद-कांग्रेस पर साधा निशाना

Posted on: 2025-10-16


दानापुर, 16 अक्टूबर । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार चुनाव में उतर चुके हैं। गुरुवार को उन्होंने दानापुर में भाजपा उम्मीदवार रामकृपाल के समर्थन में आयोजित सभा को सम्बोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राजद-कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों ने बुर्के पर बहस शुरू कर दी है। ये फर्जी पोलिंग के पक्ष में हैं जो लोकतंत्र के लिए बड़ी चुनौती है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा कि बिहार के विकास को रोकने के लिए राजद-कांग्रेस ने फिर एक शरारत शुरू की है। विकास बनाम बुर्के की शरारत शुरू की गई है। ऐसा तब है जब बिहार विकास की बात कर रहा है। जब बिहार के नौजवानों के मुंह पर विकास की चर्चा है, तब यहां पर बुर्के को लेकर कांग्रेस और राजद ने नई बहस को आगे बढ़ाया है। मुझे बताइए क्या इनको फर्जी पोलिंग करने का अधिकार देना चाहिए। क्या विदेशी घुसपैठियों को बिहार आकर यहां के नागरिकों के अधिकार में डकैती डालने की छूठ देनी चाहिए।

योगी ने कहा कि ये लोग दुष्प्रचार का सहारा ले रहे हैं। दुनिया में कहीं भी जाने पर अपनी पहचान दिखानी पड़ती है। चेहरा दिखाना पड़ता है लेकिन ये लोग चाहते हैं कि बिना चेहरा और पहचान पत्र देखे, जिसकी मर्जी आए वह वोट डाल दे। इसीलिए यह चाहते हैं कि ईवीएम मशीन न रहे। ये लोग जबरदस्ती मतदान कर गरीब के हक पर डाका डालते थे। फिर वही करने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने आगे कहा कि 1990 से 2005 तक बिहार के जंगल राज और वंशवादी राजनीति के बारे में कौन नहीं जानता। आपने देखा होगा कि वो कौन लोग थे जिन्होंने बिहार की ज्ञान की आध्यात्मिक भूमि को वंशवादी राजनीति और अपराध की भूमि में बदल दिया, जिससे हमारे युवाओं के लिए पहचान का संकट पैदा हो गया। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर यहां किस तरह अराजकता फैलाई गई, यह किसी से छिपा नहीं है। बिहार में युवाओं के सामने पहचान के संकट के बीच, जो लोग राज्य के लिए कुछ करना चाहते थे, वे पलायन कर गए।

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने बिहार को उस कलंक से मुक्त करने के लिए प्रभावी ढंग से काम किया है। आज बिहार की डबल इंजन सरकार इसे और भी प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने की अपील करने फिर आई है। उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच संबंधों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार का रिश्ता सिर्फ एक रिश्ता नहीं है, यह एक साझी विरासत है। यह एक आत्मा का बंधन है, एक संस्कृति का बंधन है और एक संकल्प का भी बंधन है। यह रिश्ता भगवान राम और माता जानकी के बंधन जितना ही अटूट है।

योगी आदित्यनाथ ने आचार्य कौटिल्य, चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक महान का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे महाप्रतापी राष्ट्र शिल्पियों को देने वाला हमारा यह राज्य गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की पावन जन्मभूमि के लिए जाना जाता है। गुरु गोविंद सिंह को जब पटना साहिब से बाहर जाना हुआ था, तो पहला पड़ाव दानापुर ही बना था।