बिलासपुर-कटनी रूट पर ट्रेनों की आवाजाही फिर शुरू:सेफ्टी

Posted on: 2024-11-28


छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के भनवारटंक में हुए सुपर लांगहाल मालगाड़ी हादसे की जांच कोलकाता के रेलवे सुरक्षा आयुक्त करेंगे। जांच आयुक्त समेत तकनीकी टीम शुक्रवार को पहुंचेगी। यह टीम भनवारटंक पहुंचकर हादसे की जांच करेगी।

इस दौरान मालगाड़ी के चालक, गार्ड, स्टेशन मास्टर, ट्रैकमैन और इस सेक्शन के अधिकारियों के बयान भी लिए जाएंगे। हालांकि रेलवे लाइन के जानकारों का दावा है कि, ओवरलोड सुपर लॉन्ग हॉल मालगाड़ी को असामान्य ट्रैक पर चलाना हादसे की मुख्य वजह हो सकती है।

मंगलवार को हुआ था हादसा

दरअसल, मंगलवार को पंजाब जा रही कोयला लोड मालगाड़ी के 22 डिब्बे भनवारटंक में पटरी से उतर गए। इस हादसे में 7 से 8 डिब्बे पलट गए और कोयला आसपास बिखर गए। जिसके बाद ओएचई और ट्रैक भी क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि, गंभीर हादसे में किसी तरह जनहानि नहीं हुई। लेकिन रेलवे को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।

इस हादसे के 24 घंटे से ज्यादा समय होने के बाद भी अब तक अपलाइन को चालू नहीं किया जा सका है। इधर, रेलवे बोर्ड का नियम के नियम के अनुसार, सेफ्टी कमिश्नर इस घटना की जांच करेंगे। हादसे की जांच करने के लिए दक्षिण पूर्व सर्किल, कोलकाता के रेलवे सेफ्टी कमिश्नर बीके मिश्रा (नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन) 29 नवंबर को बिलासपुर आएंगे।

उनके साथ टेक्निकल टीम भी रहेगी, जिनके साथ वो सुबह 10 बजे से (इंडियन रेलवे एक्ट 1989, के सेक्शन 113 के अंतर्गत) न्यायिक जांच करेंगे। यह जांच मंडल रेल प्रबंधक बिलासपुर कार्यालय में जारी रहेगी। इस दौरान वो घटनास्थल का भी निरीक्षण करेंगे और हादसे की मुख्य वजह का पता लगाएंगे।

डाउन लाइन से गुजरीं दोनों तरफ की गाड़ियां

घटना के बाद अप और डाउन लाइन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। जिस तरह से मालगाड़ी के डिब्बे बिखरे पड़े थे और ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके चलते आशंका जताई जा रही थी लाइन चालू होने में वक्त लग सकता है। रेलवे के अफसर भी यह तय नहीं कर सके कि रेल यातायात कब तक बहाल हो सकेगा।

लेकिन, युद्धस्तर पर किए गए काम के चलते बुधवार की शाम डाउन लाइन को तैयार कर लिया गया। ट्रायल के बाद अप लाइन से दोनों तरफ की गाड़ियों को एक लाइन से शुरू कर दिया गया है। जिसके बाद परिवर्तित मार्ग से चलने वाली गाड़ियों को बिलासपुर-कटनी रूट पर बहाल कर दिया गया।

अप और डाउन चालू

रेलवे प्रशासन ने बिलासपुर-कटनी रूट पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू कर दी है। खोंगसरा से भनवारटंक के बीच अप और डाउन चालू कर दिया गया है।

आम नागरिकों से साक्ष्य देने की अपील

इस हादसे या इससे संबंधित मामले के बारे में जानकारी रखने वाले या साक्ष्य प्रदान करने के लिए कोई व्यक्ति इच्छुक है, तो वह आकर साक्ष्य प्रदान कर सकते हैं। ईमेल या प्रत्यक्ष के रूप से साक्ष्य दिखाया जा सकता है। इससे जांच में और आसानी होगी।

असामान्य ट्रैक पर सुपर लांगहाल मालगाड़ी से हादसे की आशंका

बिलासपुर-कटनी रूट में खोंगसरा और भनवारटंक के बीच मालगाड़ी के डिरेल होने की मुख्य वजह ओवरलोड को माना जा रहा है। रेलवे के टेक्निकल जानकारों का कहना है कि इस असामान्य रूट पर सुपर लांगहाल मालगाड़ी चलाने से जोखिम उठाना पड़ा। कहा जा रहा है कि, रेलवे के लिए बिलासपुर जोनल मुख्यालय माललदान के लिए सबसे बड़ा आय का जरिया है।

यही वजह है कि ज्यादा माललदान करने के लिए रेलवे के अधिकारी मालगाड़ी के बैगन को जोड़कर प्रयोग करते रहे हैं। मंगलवार को हुए हादसे को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। रेलवे ने दो मालगाड़ी को जोड़कर लांगहाल बनाकर चलाया, जिसके कारण यह हादसा हो गया।

नाम न छापने की शर्त पर टेक्निकल एक्सपर्ट ने सुपर लांगहाल मालगाड़ी चलाने के फैसले पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि दो मालगाड़ी को जोड़कर एक साथ चलाई जाती है, तो उसे सुपर लांगहाल कहते हैं। इसमें 58-58 वैगन की दोनों मालगाड़ी एक साथ दो इंजन के सहारे चलती है। मंगलवार को कलमीटार में आकर लांगहाल बनी।

असामान्य रूट पर लांगहाल बनाने पर सवाल

रेलवे के अफसरों के मुताबिक अभी मालगाड़ी की बेपटरी होने की मुख्य वजह का पता नहीं चल सका है। लेकिन, कुछ कारण ऐसे हैं, जिन्हें घटना की वजह मानी जा रही है। इसमें सबसे प्रमुख सुपर लांगहाल चलाना है। रेल अफसरों के इस निर्णय पर इसलिए सवाल उठ रहा है क्योंकि, बिलासपुर रेल मंडल के करगीरोड कोटा स्टेशन से आगे पहाड़ी इलाका है और काफी चढ़ाव है।

यह सेक्शन सामान्य नहीं है। इस लाइन पर चढ़ाव के साथ कर्व भी है। यह जानते हुए भी रेलवे ने सुपर लांगहाल बनाकर ओवरलोड मालगाड़ी चलाने का निर्णय क्यों लिया, यह जांच का विषय है। एक्सपर्ट का कहना है कि सुपर लांगहाल मालगाड़ी, उस सेक्शन पर ही चलाई जाती है, जहां लाइन सामान्य है।

सकते में हैं जोन व रेल मंडल के अफसर

रेलवे के सेफ्टी कमिश्नर बीके मिश्रा का अचानक जांच का कार्यक्रम तय होने से जोन और रेल मंडल के अधिकारी सकते में हैं। दरअसल, रेल संरक्षा आयुक्त बेहद बारीकी से जांच करेंगे। ट्रैक से लेकर मालगाड़ी को परखेंगे की कहीं उनमें कोई तकनीकी खराबी तो नहीं है। इस हादसे के लिए इस सेक्शन के अधिकारी कितने जिम्मेदार है। यह भी परखेंगे। यह जांच मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में जांच समाप्त होने तक जारी रहेगी।